Written By : iloveall
मेरी बीबी ने हम सब को कैसे हताशा के अँधेरे कुँए से निकाला।
मेरी बीबी ने हम सब को कैसे हताशा के अँधेरे कुँए से निकाला।
Written By : desibahu
ट्रेन में बिना टिकट पकड़ी गयी
ट्रेन में बिना टिकट पकड़ी गयी
Written By : Palava
The story of a young boy who starts getting attracted to his mother's body. He makes his mom the model of their business and then have a sexy photoshoot.
Written By : sachin
Main aksar mummy ki matkti gaand ko dekha karta tha par mujhse jada utavla to mera dost tha jo bas chudai ki bhukh me rehta tha aur mummy par bhi uski najar thi.
Written By : sachin
Ye baat tabki hai jab mai dasvi mai padhta tha. Mai aur mummy shoping karne nikle the. Achanak tez baarish shuru ho gayi. Mai aur mummy lagbhag pure bhig..
Written By : sachin
Mummy bade bade gol gol kulhe aur lachakti hui kamar. Gaon ke har mard maa ke figure pe fida hai. Pitaji mahine mai sirf do baar maa ko chodte hai.
Written By : sultanasinha PeepingTom
Papi Parivaar
यह कहानी 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिये
वर्जित है । इस कहानी के सारे पाव और घटड़ेगये
काल्पनिक हैं जिनका यथार्थ से कोई ॰सम्बघ नहीं है ।
इस कहानी में सैक्स के अनेक दृश्यरै का अत्यधिक
स्पष्ट ब्यौरा है । यदि आप संबन्धि-की के बीच सैक्स
को घृणित मानते हैं तो कृपया इसे न पढे।
Written By : Sinsex
Komal Preet Kaur Ke Garam-Garam Kisse
लेखिका : कोमल प्रीत कौर
Written By : komaalrani
Volume 2
सावधान ,…सावधान। चेतावनी ,... चेतावनी।
इस में किंक है , समलैंगिक सम्बन्ध ( पुरुष एंव स्त्री दोनों ), आयु का अंतर ( खेली खायी भी कच्ची कलियाँ भी ), और बहुत कुछ गर्हित , जो सामन्यतया अनैसर्गिक , गर्हित माना जाता है वो सब कुछ है।
और ये अक्सर मेरी कहानियों में नहीं होता। बस एक बार सोचा , जिस गाँव कभी भी नहीं गयी , वहां भी चल के देखा जाय। लोग गालियां देंगे सह लुंगी , आखिर तारीफ कभी कभार जो मिल जाती है वो तो मैं आँचल /दुपट्टा पसार के ले लेती हूँ , तो गालियाँ कौन लेगा? तो इस लिए ये किंक वाली होली की कहानी लिखी गयी।
लेकिन इसका एक और कारण था मेरे एक मित्र , अग्रज और प्रेरक साथी लेखक , ये कहानी उन्हें ट्रिब्यूट के तौर पे भी है।
के पी या कथा प्रेमी , एक ही फोरम में हम दोनों लिखते थे , लेकिन अब वहां न वो हैं न मैं। सुधी पाठक जानते हैं।
खैर , अंजू मौसी , गीता चाची , कौन नहीं जानता। उनकी कई कहानियाँ इस फोरम में भी पोस्ट हुईं है कई लोगो द्वारा , प्रशंशित , चर्चित भी हुयी। ( हालांकि जैसी परंपरा है , उनके नाम का उल्लेख पोस्टर्स ने नहीं किया , शायद अज्ञानतावश ). खैर तो इस कहानी में मैंने उनकी जमीन पे कुछ कहने की कोशिश की और होली और किंक के इस मिश्रण का जन्म हुआ , मैंने उन्हें मेल भी किया और उन्होंने साधुवाद भी दिया। ये उनका बड़प्पन था। जिस तरह से वो अनैसरगिक और श्रृंगार का मिश्रण करते हैं सब कुछ ग्राह्य और नैसर्गिक ही लगता है। मैं उनसे कोसों पीछे हूँ।
और अगर कहानी ऐसी तो सीक्वेल में भी वो बातें होंगी , समलैंगिक सम्बन्ध , उम्र का अंतर इत्यादि।
तो एक बार फिर आप से कर बध्द निवेदन , हर खासो आम से ये न कहना खबर न हुयी अगर आप को ये चीजें नहीं पंसद है , तो आप इस कहानी से गुरेज कर सकते हैं या फिर ट्राई कर सकते हैं और न पसंद आने पे वो भाग छोड़ के आगे बढ़ सकते है , क्योंकि कहानी में कुछेक प्रसंग ही ऐसे हैं
और अगर कुछ भी नहीं तो
फागुन के दिन चार है न , जहाँ आतंक के खिलाफ आखिरी जंग चल रही है मुंबई में।
तो फिर शुरू करती हूँ आप सबसे आदेश ले के
Written By : komaalrani
मजा पहली होली का, ससुराल में
मेरी एक और होली की कहानी ,
ये कहानी
और इसके बाद इसका सीक्वेल दोनों ही
कहानी थोड़ी ' ऐसी वैसी ' है , इसलिए पहले से ही बता देना ठीक है , पूरी कहानी नहीं लेकिन कुछ प्रसंग ,
मैं ये मान के चलती हूँ होली में कुछ भी वर्जित गर्हित नहीं है ,
लेकिन अगर किसी को गड़बड़ लगे तो पहले से ही बुरा न मानो होली है
Written By : Julee
MERI CHUDAI KI SACHHI KAHANIYAN
MERI CHUDAI KI SACHHI KAHANIYAN